अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक चुप्पी: दिल्ली से पंजाब तक की यात्रा
-
By Admin
Published - 15 May 2025 6 views
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पिछले तीन महीनों से दिल्ली की राजनीति से दूर हैं। चुनाव हारने के बाद से उनकी सक्रियता कम हो गई है, लेकिन वे पंजाब में अपनी पार्टी के कामकाज की निगरानी कर रहे हैं। जानें उनके राजनीतिक भविष्य और पार्टी की स्थिति के बारे में। क्या केजरीवाल अपनी राजनीतिक सक्रियता को फिर से बढ़ा पाएंगे? इस लेख में जानें उनके हालिया कदम और चुनौतियाँ।
अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक चुप्पी: दिल्ली से पंजाब तक की यात्रा
केजरीवाल का लापता होना
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पिछले तीन महीनों से राजनीतिक गतिविधियों से दूर हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद से वे सार्वजनिक जीवन से गायब हैं। चुनाव में उनकी पार्टी को मिली हार के चलते वे विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं हैं। फरवरी में चुनाव हारने के बाद से, उन्होंने केवल दो बार पार्टी की बैठकों में भाग लिया है। उनकी बेटी की शादी के कार्यक्रमों की कुछ तस्वीरें और खबरें सामने आई हैं, जिसमें उन्होंने दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में कुछ रस्में निभाईं। शादी की मुख्य रस्में पंजाब के मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास कपूरथला हाउस में आयोजित की गई थीं, जिसके लिए विपक्ष ने भगवंत मान पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने सरकारी आवास को बारात घर में बदल दिया।
पंजाब में केजरीवाल की सक्रियता
हालांकि केजरीवाल दिल्ली की राजनीति से दूर हैं, वे पूरी तरह से घर में नहीं बैठे हैं। वे आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के आवास पर रहते हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति दिल्ली में बहुत कम है। वे अधिकतर समय पंजाब में बिता रहे हैं, जहां विधानसभा चुनाव में अब दो साल से भी कम समय बचा है। मार्च 2027 में पंजाब में चुनाव होने हैं, और केजरीवाल को यह एहसास है कि यदि उनकी पार्टी पंजाब में सत्ता खो देती है, तो यह उनके लिए एक बड़ा संकट होगा। उनकी पार्टी में अधिकांश सदस्य सत्ता के कारण जुड़े हैं, और सत्ता में आने से पहले के कई पुराने सदस्यों को उन्होंने पार्टी से बाहर कर दिया है।
राजनीतिक स्थिति और भविष्य की योजनाएँ
केजरीवाल ने पंजाब में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है, जहां वे राज्य सरकार के कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और पार्टी संगठन के कामकाज को संभाल रहे हैं। उनके राज्यसभा जाने का रास्ता फिलहाल बंद है, क्योंकि उनकी पार्टी ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव का उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस सीट पर चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है। केजरीवाल की राजनीतिक स्थिति इतनी कमजोर हो गई है कि संजीव अरोड़ा उपचुनाव के उम्मीदवार बनने के बावजूद राज्यसभा से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि वे उपचुनाव जीतने के बाद ही इस्तीफा देंगे। एक बार संसद में पहुंचने के बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ सकती है, लेकिन फिलहाल वे काफी कम सक्रिय हैं।
सम्बंधित खबरें
-
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत दिल्ली में 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र
-
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने जबलपुर में कहा कि देश की सेना और सैनिक उनके चरणों में नतम
-
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में चल रहे ड्रग्स के खिलाफ युद्ध के
-
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पिछले तीन महीनों से दिल्ली की राजनीति से दूर हैं। चुनाव हारने
-
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स में बड़ी आग लग गई है। ये आग बड़ी भ
-
राजधानी दिल्ली में बीती रात धूल प्रदूषण में बढ़ोतरी हो गई है। चिंताजनक तौर से धूल प्रदूषण इतना बढ़ा