कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पांच दिवसीय प्रशिक्षण एवं पोषण जागरूकता कार्यक्रम प्रारंभ
तरुण प्रवाह
अयोध्या।राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण एवं पोषण जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन खाद्य विज्ञान एवं पोषण विभाग ,सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र मसौधा नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या के संयुक्त तत्वधान में मिल्कीपुर ब्लॉक के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य नरेंद्र देव के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह द्वारा विधिवत् दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ नमिता जोशी अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के द्वारा बुके देकर मुख्य अतिथि का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। डॉ साधना सिंह, विभागाध्यक्ष खाद्य विज्ञान एवं पोषण विभाग ने कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहला दिवस शिशु के लिए, दूसरा दिन पूर्व स्कूली बच्चों, तीसरा दिन किशोरियों, चौथा दिन गर्भवती व धात्री महिलाओं एवं अंतिम दिन प्रौढ़ावस्था अवस्था से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
कुलपति द्वारा अपने अतिथिय उद्बोधन में कहा की संपूर्ण जनमानस की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए ही समाज से व्याप्त कुपोषण को दूर किया जा सकता है। डॉ सिंह ने कहा कि कार्यक्रम में विशेष रुप से महिलाओं को बुलाकर पोषण विषय पर उनको जानकारी उपलब्ध कराई जाए जिससे कि वह खानपान मे कुपोषण के कारण होने वाली बीमारियों से उनको बचाया जा सके ,तथा गर्भवती महिला एवं उससे पैदा होने वाले शिशु का 1000 दिन तक विशेष रुप से पोषण का ध्यान दिया जाना चाहिए। मां किस प्रकार का भोजन ग्रहण कर रही हैं, बच्चों को क्या खिलाती हैं, क्योंकि मां जिस प्रकार का भोजन ग्रहण करेगी उसी प्रकार का आहार उनके बच्चों को दूध के रूप में प्राप्त होगा।यथासंभव प्रयास किया जाना चाहिए कि मां के गर्भावस्था में उसके खानपान का विशेष रूप से ध्यान दिया जाय। महिलाओं को अपने खानपान में विशेष रूप से मोटे अनाजों का प्रयोग जरूर किया जाना चाहिए , जिसमें विशेष रूप से सावां, कोदो , टागून , मडुआ आदि ऐसी फसलें हैं जिनका भोजन के रूप में प्रयोग किए जाने से कुपोषण से बचा जा सकता है।
विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार प्रोफेसर ए पी राव निदेशक द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रो द्वारा महिलाओं के उत्थान में योगदान पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं से अनुरोध किया गया कि वह अपने खान-पान में विशेष रूप से मोटे अनाजों वाले खाद्यान्न पदार्थों जैसे पत्तेदार सब्जियों एवं विभिन्न प्रकार के फलों का समावेश करें जिससे की माताएं स्वस्थ रहने की दशा में उनके शिशु भी स्वस्थ रहेंगे और कुपोषण के शिकार नहीं होंगें। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मौके पर बाल विकास अधिकारी विवेक शाही द्वारा आंगनबाड़ी कर्मियों को पोषण से संबंधित विशेष रुप से जानकारी प्राप्त कराई गई और उन्हें नियमित रूप से प्रशिक्षण में उपस्थित रहकर इसका लाभ लेने हेतु निर्देशित किया गया। तकनीकी सत्र में विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक डॉ अर्चना सिंह ने जीवन के प्रथम 180 दिन का आहार, डॉ रशिम श्रीवास्तव द्वारा संपूरक आहार की उपयोगिता ,डॉ सरिता श्रीवास्तव द्वारा घरेलू स्तर पर संपूरक आहार बनाने का प्रशिक्षण दिया गया । इसके अतिरिक्त अतिथियों का स्वागत् डॉ नमिता जोशी अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय द्वारा किया गया। डॉ शशिकांत यादव वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र मसौधा द्वारा आए हुए प्रशिक्षणार्थियों को राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अवसर पर कुपोषण से किस प्रकार से बचा जा सकता है, किस प्रकार से भोजन का प्रबंधन किया जाए इसके विषय में अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में कृषि विज्ञान केंद्र मसौधा की वैज्ञानिक डॉ अर्चना सिंह ने मुख्य अतिथि, आए हुए प्रशिक्षणार्थियों, अधिकारियों ,कर्मचारियों, पत्रकार बंधुओं तथा इस कार्यक्रम में जुड़े सभी लोगों को अपनी तरफ से आभार प्रकट किया।
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