देश के मानचित्र पर आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या हुआ गौरवान्वित।
कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए देश के रफी अहमद किदवई अवार्ड से सम्मानित हुए कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 93 वें स्थापना दिवस पर कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह रफी अहमद किदवई- 2020 पुरस्कार से हुए सम्मानित।
अयोध्या ।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने प्रदेश के आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह को अपने 93 वें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए तथा कृषि अनुसंधान में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए रफी अहमद किदवई पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया। जिसे भारत सरकार के माननीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में ऑनलाइन प्रशस्ति पत्र, रुपये दो लाख पच्चास हजार का पुरस्कार तथा मूवमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्राप्त पुरस्कार देश की श्रेणी ए -1 कैटेगरी के अंतर्गत आता है।कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह को देश का सर्वोच्च रफी अहमद किदवई अवार्ड प्राप्त होने की खबर से पूरे विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई । ऐसे उत्कृष्ट वैज्ञानिक को कुलपति के रूप में पाकर विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मी अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हुए कुलपति महोदय को बधाई दिए तथा प्रसन्नता व्यक्त की। बधाई देने वालों में विशेष रूप से विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ ए पी राव ,अधिष्ठाता डी नियोगी ,कुलसचिव डॉ आर के मेहता, निदेशक प्रशासन एवं परीविक्षण डाँ अशोक कुमार सिंह, प्रशासनिक अधिकारी डॉ अशोक कुमार, कुलपति के सचिव डॉ जसवंत सिंह, अधिष्ठाता डॉक्टर आर के जोशी, डॉ वी एन राय , डॉ ओ पी राव, डॉ प्रमाणिक, डॉ नमिता जोशी आदि के साथ साथ विश्व विद्यालय के समस्त वैज्ञानिक, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र आदि ने कुलपति महोदय को बधाई दिये तथा कुलपति महोदय एवं आपस में मिठाइयां बांट मिठाई बांटकर खुशी व्यक्ति की।
देश के कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट अनुसंधान अवार्ड रफी अहमद किदवई से सम्मानित कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह का संक्षिप्त परिचय।
डॉ बिजेंद्र सिंह, कुलपति, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज ,अयोध्या एवं महानिदेशक उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद लखनऊ का जन्म 1 जुलाई 1960 में उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के ग्रामीण अंचल में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। डॉ सिंह ने उच्चतर माध्यमिक स्तर की शिक्षा ग्रामीण परिवेश में ही प्राप्त की । स्नातक कृषि, स्नातकोत्तर कृषि व डॉक्टरेट की उपाधि कृषि विज्ञान संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से प्राप्त की है। डॉ सिंह का चयन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की कृषि अनुसंधान सेवा में कृषि वैज्ञानिक के पद पर 1986 में हुआ था । सेवा की शुरुआत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र, बारापानी, मेघालय से की। तत्पश्चात भारतीय अनुसंधान संस्थान वाराणसी में सन 1992 में वैज्ञानिक पद पर स्थानांतरण हुआ ,और यहीं पर वैज्ञानिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक ,प्रधान वैज्ञानिक, विभागाध्यक्ष, राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक- सब्जी फसल व निदेशक के पद पर सेवाएं दी। मार्च 2019 से महानिदेशक उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के पद पर कार्यरत हैं । डॉ सिंह को 33 वर्षों का अनुसंधान, शिक्षा, प्रसार, प्रशासनिक एवं प्रबंधन क्षेत्र का अनुभव है ।
डॉ सिंह द्वारा सब्जियों की 54 किस्में जिसमें भिंडी, मटर, मूली, तोरई ,लौकी, फूलगोभी, पोई, बथुआ ,टमाटर, गाजर, मिर्च, चौलाई ,परवल, करेला, बैगन, खीरा, कुम्हड़ा ,पेठा व नसदार तोरई की किस्में है। सभी किस्मों को अनुमोदन समिति द्वारा अधिसूचित किया गया है । डॉ सिंह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय की विभिन्न पत्रिकाओं में 219 से अधिक शोधपत्र, 11 किताबें, 43 तकनीकी बुलेटिन, 23 प्रशिक्षण मैनुअल एवं अनेक पुस्तक अध्याय व लोकप्रिय लेख प्रकाशित कर चुके हैं । डॉ सिंह के मार्गदर्शन में 3 डॉक्टरेट एवं 14 स्नातकोत्तर छात्रों ने सब्जी विज्ञान क्षेत्र में शोध कार्य किया है ।डॉ सिंह द्वारा 23 अंतर्राष्ट्रीय व 48 राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभाग किया गया है। तथा सब्जी के विभिन्न पहलुओं पर 202 व्याख्यान भी प्रस्तुत किए गए हैं। डॉ सिंह पूर्व में भी विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा टीम रिसर्च अवॉर्ड ,उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा विज्ञान रत्न अवॉर्ड, कलयया कृष्णामूर्ति राष्ट्रीय अवार्ड ,डॉ कीर्ति सिंह गोल्ड मेडल अवार्ड ,डॉ विश्वजीत चौधरी मेमोरियल अवार्ड, उपास, उपकार द्वारा डॉ पंजाब सिंह विशिष्ट कृषि वैज्ञानिक पुरस्कार व डॉ कीर्ति सिंह लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड इत्यादि प्राप्त कर चुके हैं। डॉ सिंह द्वारा किए गए शोध से टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज की सहायता से सब्जी ज्ञान मोबाइल ऐप को बनाया गया। जिसमें किसान सब्जी उत्पादन से संबंधित समस्याओं का समाधान लिखकर या बोलकर पा सकते हैं , अभी तक 110000 किसान इस ऐप में पंजीकृत कर लाभ प्राप्त कर चुके हैं।
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