मुंबई में मंदिर तोड़ने के विरोध में जैन समुदाय सड़कों पर, शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी
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By Admin
Published - 19 April 2025 21 views
मुंबई में जैन समुदाय ने हाल ही में एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें लाखों लोग शामिल हुए। यह प्रदर्शन झारखंड सरकार के श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के विरोध में था। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इस निर्णय से जैन धर्म के पवित्र स्थल की पवित्रता पर संकट आ सकता है।
प्रदर्शन में शामिल लोग "तीर्थ बचाओ, धर्म बचाओ" और "सम्मेद हमारा, सम्मेद हमारा" जैसे नारे लगा रहे थे। इसमें महिलाएं, बच्चे और जैन धर्म के प्रमुख संत भी शामिल थे। बीजेपी नेता शायना एनसी और जैन संत नयपद्मसागर महाराज भी इस मार्च में उपस्थित थे। नयपद्मसागर महाराज ने इस फैसले को भारत की गरिमा पर आघात बताया।
जैन समुदाय की मुख्य मांग है कि झारखंड सरकार अपना निर्णय वापस ले और श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित न करे। समुदाय का कहना है कि इससे पवित्र स्थल की पवित्रता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे भूख हड़ताल जैसे कठोर कदम उठा सकते हैं।
इस प्रदर्शन के साथ-साथ, गुजरात के भावनगर में स्थित शत्रुंजय तीर्थ के मंदिर में हुई तोड़फोड़ के खिलाफ भी जैन समुदाय ने विरोध जताया। समुदाय ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह आंदोलन केवल धार्मिक भावनाओं का मामला नहीं है, बल्कि जैन समुदाय की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान की रक्षा का भी प्रश्न है। समुदाय के नेता और संत इस आंदोलन को राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देख रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और जैन समाज की भावनाओं का सम्मान करें।
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